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नन्ना की चप्पल

94 Viewsनन्ना की चप्पल आज भोर से ही मेरी चप्पल गुम है, पता नहीं कहाँ चली गई कब से ढूंढ रही हूँ मिलने का नाम ही नहीं ले रही है| दिन तक तो ठीक था, वह अधिक प्रयोग में नहीं आती परन्तु साँझ होते ही मुझे उसकी बहुत आवश्यकता पड़ती है| साँझ होते ही एक …

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बन्धन

111 Views बन्धन विवाह के नाम पर घबरा जाती है,  वो एक नादान लड़की, अपने ही घर से भाग जाती है, ज़माना ढूँढता है उसे दर – ब-दर, ख़ुद मे ही कहीं वो खो जाती है, एक सपना है जो उसे पुकारता है, अपना ही घर उसे सताता है, समाज के तानों पर अपनों का …

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गुरु

104 Views गुरु कदम तो हमारे थे,चलना आपने सिखाया,अंगुली तो हमारी थी,उसे पकड़कर आगे आपने बढ़ाया,निगाहें तो हमारी थीं,रास्ता आपने दिखाया,ख्वाब तो हमारे थे,उसमें आसमां छूने की ख्वाहिश आपने जगाई,मन तो हमारा था,उसे हौसलों की उड़ान भरना आपने सिखाया,आपने ही तो हम नादान परिंदों को,उस नीड़ से उड़कर,आसमां नापने की हिम्मत दी,ना सिर्फ हिम्मत दी,हर …

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मोहभंग

102 Views मोहभंग इश्क़ में परवाने को सौंपी जो ख्वाबों की पतंग थी, उस परिंदे का टूट कर अरमानों की शैया पर गिर जाना उसकी तकदीर थी, बयाँ होती नहीं शोला और शबनम की वो दास्तां जो एक दौर मिसाल बनती थी, शेष कहाँ है वो गहरा समंदर जब लहरें सुंदरता पर रुकी थीं, तोड़ा …

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अभिमन्यु

96 Views अभिमन्यु हे मृत्यु है आने को तैयार तू ,प्रसन्न मुख आ ।मैं खड़ा तेरे स्वागत में ,लिए अपनी शीष लिए हाथ मेंतू भी वीर कहलाएगी मुझे लेकर अपने साथ में,ये रक्त मेरा शौर्य से लाल है भयभीत स्वयं आज खड़ा काल है तू भी आकर मेरा प्रणाम ले जा हे मृत्यु है आने …

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  अनकहे ज़ज्बात

109 Views अनकहे ज़ज्बात कस्बों में दिये जले हैं, गाँव में ये अंधकार क्यु है  वहां रोशन हैं मकान, तो घर यहां सूना क्यु है   बाजार में रोनक लगी हैं, मेरी दहलीज पर ठोकर लगी हैं सब कुछ बिक रहा है, मेरी चौखट खाली पड़ी हैं   बाघों में फूल खिले हैं, बंजर मेरी …

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आवाज

96 Views आवाज बारिश की बूंदों सी, बादलों की गर्जन सी कभी धीमी, कभी हवा सी तेजी मुझमे मैं हूँ एक आवाज, अंतर्मन की   कभी कहती तुमको, कभी चुप हो जाती दबी सी मैं, एक आवाज अंतर्मन की पूछते लोग, क्यु खामोश तुम चीखती सी, झटपटाती सी मैं एक आवाज, अंतर्मन की   कभी …

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कुछ अपने लोग 

120 Views कुछ अपने लोग अजनबी शहर , अनजान रास्तें अनजाने लोग, अनेक इरादे मेरी तन्हाइयों पर खिलखिलाते रहे मेरे कामों पर बहाने बनाने वाले लोग अपने कामों पर प्यार से पुकारते रहे I माँ के प्यार की कमी , पापा की डाट की कमी इतनी रही कि मेरे आसू कभी भी कहीं भी निकलने …

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संगीत

90 Views संगीत उदास मन जब कभी, उदासियों में और घिरता जाए , तब ज़िव्हा पर नई धुने , अपने आप ही बुनता जाए | फिर जब खुशियाँ मिलें , तब उनके नशे में घुलता जाए , ये ज़िव्हा ही नहीं हर अंग , नई सरगमें और चुनता जाए | संगीत भाषा अंतर्मन की , …

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